एक लड़की जिनका नाम वृंदा था राक्षस कुल मैं उनका जन्म हुआ था,बचपन से ही उनमें कृष्ण भक्ति के बीज की धीमी धीमी सुगंद आने लगी थी, पूरी जिन्दगी उन्होंने बड़े प्रेम भाव से प्रभु की सेवा पूजन किया,जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल रजाजलंदर से हुआ,जालंदर जल में ही जन्मा था,और वह राक्षस कुल का रजा था,लेकिन वृंदा जी इन सब से परी थी वह सिर्फ निष्टा पूर्व अपना पत्नी धरम का पालन करती थी.
शादी के कुछ समय पश्चात् देवताओ और दानव
में युद्ध हुआ,तभी वृंदा जी ने संकल्प लिया जब तक अप युद्ध से वापिस नही आजाते मैं पूजा मैं बेथ कर आपकी सलामती का अनुष्ठान करुँगी और संकल्प तब तक नही तोदुंगी जब तक अप वापिस नही आजाते,जलंदर जी युद्ध में चले गए और यह वृंदा जी ने अनुष्ठान आरंभ किया,वृंदा जी के अनुष्ठान ये प्रभाव हुआ,युद्ध में जलंदर जी को कोई देवता नही जीत सखा और हरते हुए भगवन विष्णु जी के पास गए..
सबने भगवान रख्षा की प्राथना की तो प्रभु ने कहा- वृंदा मेरी परम भक्त है मैं उसके साथ छल नही कर,उसकी भक्ति सची है.
तो देवता बोले-भगवन और दूसरा कोई उपाए नजर नही अब अप ही हमारी रख्षा करे और उपाए निकले.
तभी भगवान श्री विष्णु ने जलंदर का रूप धरा और वृंदा के सन्मुख जा के खड़े होगये,वृंदा ने जेसे ही अपने पति को देखा यह अनुष्ठान से उठ गई और अपने पति के चरण छुए,जेसे ही उनका अनुष्ठान टुटा वह देवताओ ने जलंदर का सर काट के अलग कर दिया और जलंदर का कटा सर वृंदा के महेल आ गिरा,वृंदा ने देखा तो वह सोच में पड़ गई मेरे पति का सर यह है,तो मेरे सामने जो खड़े है कौन है.??
वृंदा ने पुचा- अप कौन है.?
तभी भगवन अपने असली रूप मैं अगये और कुछ न बोले परन्तु वृंदा जी सब समझ गई और तभी वृंदा ने भगवान से कहा,आपको तनिक दया नही आई मेरे पति को मरवाते,में आपको को श्राप देती हु अप पत्थर के होजाओ.प्रभु तुरंत पत्थर के बन गए,तभी देव लोक में हाहाकार मच गया,सभी देवता वृंदा जी के पास अगये लक्ष्मी जी बेहद रो रो कर विलाप करने लगी,सबकी प्राथना सुनाने के बाद वृंदा जी ने प्रभु को श्राप से मुक्त किया और पति के सर के साथ अग्नि मैं सती होगी.
उनकी राख से फिर उसी समय एक पोधा निकला उसे देख भगवान विष्णु ने कहा- अज से इसका नाम तुलसी है. और मेरा एक रूप इस पत्थर के रूप में रहेगा जिसे शालिग्राम के नाम से तुलसी जी के साथ ही पूजा जायेगा और मैं किसी भी वास्तु को बिना तुलसी के सवीकार नही करूँगा,यह मुझे प्राणों से भी प्यारी है,तभी से सभी देवताओ और मनुष्य ने तुलसी जी का पूजा आरंभ होगई,फिर अंत में सभी देवताओ ने कार्तिक मास की,देवउठन एकादशी के दिन शालिग्राम और तुलसी जी का विवाह किया जिसे अज भी हम पुरे प्रेम और श्रधा से मानते है.और इस दिन जो व्यक्ति तुलसी विवाह कथा सुनता या पड़ता उसे अजीवन भक्ति का वरदान मिलता है.
सोभाग्य की बात है व्हे दिन अज है अप सभी को हम सबकी और गुरुवर की और से तुलसी विवाह की बहुत बहुत बधाई..
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
Bade Guruji's katha live telecast only on adhyatm tv
Date-7 nov to 13 nov:
Location-theme park, kurukshetra
Timing-2:00 pm to 6:00 pm
organiser: shri bankey bihari seva trust
or
Date-23 nov to 29 nov
Location-Rani sati dadi mandir, jhunjhunu, rajasthan
Timing-2:00 pm to 6:00 pm
organiser-shri bhagwat mission trust
Chote Guru Gwalior katha detail
Date-8 nov to 14 nov
Timing - 12 to 4 noon
Location- Suresh nagar,tukoniya park ke pas,shiv mandir,tathipur,gwalior (M.P)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे
RADHE-KRISHNA
ReplyDeleteTULSI VIVAH OR DEVUTHNI /PRABODHINI EKADASHI KI HARDIK SUBHKAMANA
ON THIS AUCPICIOUS DAAY I WOULD LIKE TO SHARE "ASTA NAMA OF TULSI DEVI"
VRINDAVANI NAMAH - One who first manifested in Vrindavan.
VRINDA NAMAH - The goddess of all plant and trees ( even if one Tulasi plant is present in a forest it can be called Vrindavana.)
VISHVAPUJITA NAMAH - One whom the whole universe worships.
PUSHPASARA NAMAH- The topmost of all flowers, without whom Krishna does not like to look upon other flowers.
NANDINI NAMAH - Seeing whom gives unlimited bliss to the devotees.
KRISHNA-JIVANI NAMAH - The life of Sri Krishna.
VISHVA-PAVANI NAMAH - One who purifies the three worlds.
TULASI NAMAH - One who has no comparison.
"Jai Shri Kunj bihari-biharinaey nama"
jai jai shri radhe₯ ₯maharajji ki bhopal me katha kab se prarambh hogi
ReplyDeleteRadhe Radhe..
ReplyDeleteWese apko kal ke blog pe sari up coming program peta chal jayega fir bhi..
bhopal katha 17 dec - 23 dec
राधे राधे
ReplyDeleteअभी कुरुक्षेत्र में हुई कथा बहुत सुंदर रही। मैं तो टीवी न्यूज चैनल में होने की वजह से रोजाना नहीं सुना पाया। लेकिन घर पर पूरे समय अध्यात्म चैनल ही चलता रहा।
हां आखिरी दिन मेरी भी छुट्टी थी, दोपहर ढाई बजे से रात आठ बजे तक आनंद ही आनंद..
आद.गुरु जी के चरणों में नमन
Radhe Radhe,
ReplyDeletedear sir, thanks for the making blog of sri mridul krishan shastri ji, mai unka awaj ka bahut bada fan hu but mujhe unke audio song kaha se milenge kripa karke bataye, or ho sake to link bhej de on this email ids vimaljadoun@hotmai.com
apki ati kripa hogi apke is blog k madhayam se hame guru k dharsno ka labh hua uske liye apka thanks,
from vimal
vimal ji guruji ki katha ki audio cd vipul music ki market me hai jo dvd me mp3 me aur video me aai hui hai agar aapko nahi milegi to mujhe batana mai aapko curiur kar dunga mera no. 09755140555 hai from ajay bhilai
ReplyDeletemaine aapko bhopal mein dekha or aapke bhajan suna muje "majhdar mein kashti hain " ye bhjan bhut accha lga pr muje wo khi mil nhi rha kya aap use publish krenge ya muje bta dijiye ki wo kis site m muje mil jayega plzzzzzzz radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
ReplyDeletemaine aapko bhopal mein dekha or aapke bhajan suna muje "majhdar mein kashti hain " ye bhjan bhut accha lga pr muje wo khi mil nhi rha kya aap use publish krenge ya muje bta dijiye ki wo kis site m muje mil jayega plzzzzzzz radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
ReplyDeletePujya Gurudev ka sanidhya apko prapt hua sabse pehle ti is bat ke liye apko badhai.
ReplyDeleteJo bhajan aap keh rahe hai wo bahut hi pyara bhajan hai par kuch bato ko dhyan me rakhte hue ham gurudev ka koi bhiu bhajan is blog pe nahi dal sakte. Agar aap ye bhajan prapt karna chahte hai to kripya hame apni e-mail id de deejiye agar sambhav ho saka to apko waha mail kar denge.
Radhey ju Kripa Kare
Radhe Radhe..
ReplyDeletebilkul thik kha anshu...
Hanji ashish ji.. apko bahut bahut apne GURU DEV ke darshan paye..
ese sant ke darshan milte rahe to or kya chaiye..
Radhe Radhe..
Radhe radhe...
ReplyDeletedhanybad anshu ji or prince ji....
shi kaha apne unke dharsan kr ke or unhe sun kr muje bhut aanad aaya lekin hum unke bhajan sunkr or sunakr hi to khush ho skte hai.....isliye aap muje kripa krke meri email id adnew6@gmail.com
pr wo bhajan send kr diye.......
plzzzzzzzz
to muje bhut khusi hogi...radhe radhe radhe radhe radhe radhe
anshu ji bhut bhut dhanybad jo apne muje bhajan diya muje bhut khusi hui.....radhe radhe radhe radhe radhe
ReplyDeletejai shri ram
ReplyDeletejai shri RADHEKRISHNA JI
ReplyDeleteAAP SAB KO AAJ TULSI VIVAH KI BADAHI HO
ReplyDeleteJAI SHRI RADHEKRISHNA JI
thnku very much
ReplyDeletemai tulasee maata jeevan kathaa doodh rahee thi... padke bahbuth kushi hui.. dhanyavaadh..
Radhekrishna...bht hi achha laga
ReplyDeleteRadhekrishna...bht hi achha laga
ReplyDeleteHari Om Bahut Sundar Lga es Bhakti rupi kahani jankar. Ab to Dada-Dadi se kahani sunane ka Nasib to nhi ho pata us kami ko aap pura kar sabhi ke aap premi ho gaye.
ReplyDeleteDr.Anish kumar Gupta 9304072300 Mujhe Bahute Achchha Lga.
ReplyDeleteHari Om Bahut Sundar Lga es Bhakti rupi kahani jankar. Ab to Dada-Dadi se kahani sunane ka Nasib to nhi ho pata us kami ko aap pura kar sabhi ke aap premi ho gaye.
ReplyDelete