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Saturday, December 8, 2012

लील्ये की लीला

आप सब भक्तों को सादर प्रणाम करके इस लेख का प्रारंभ करने जा रहा हूँ और आज आपको एक ऐसी अद्भुत लीला का वर्णन करूँगा जिसे पढ़कर आपके ह्रदय में रोमांच और प्रेम प्रफुल्लित हो जायेगा। आज के इस मॉडर्न ज़माने में एक चीज़ जो बहुत प्रचलित है वह है अपने शरीर के अंग पर चित्रकारी जिसे हम सब टैटू के नाम से जानते है। वास्तविकता में यह एक कला है जिसका उपयोग आज बहुत ही गलत ढंग से किया जा रहा है। पहले हमारी माताएं बहने अपने पति का नाम अपने हाथों पर गुद्वाती थीं। इसके दो प्रमुख कारण थे, सर्व्प्रथान तो इससे हमेशा अपने प्राण-प्रियतम का स्मरण बना रहता है और जैसा पहले स्त्रियाँ अपने पति का नाम नहीं लिया करी थीं, तो यदि कहीं उनका नाम बोलना पड़े तो वे अपना हाथ दिखा देती थीं। पर आज तो लोग इसे अपने शरीर का श्रृंगार समझते हैं। ऐसी ऐसी तसवीरें अपने हाथों पर बनवा लेते हैं कि क्या कहूँ। मैंने एक बार देखा एक भले मानुष ने कंकाल की खोपड़ी अपनी बाजुओं पर बनवा राखी थी और नीचे लिखा था "खतरा", वो खुद ही अपनी हकीकत ज़माने को बता रहा था। पर नहीं, यह कला भारत की धरोहर है जिसे आज पाश्चात्य संस्कृति कुछ अलग ही रूप देकर दुनिया को सिखा रही है। लेख पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए मै आप सबको बता देना चाहता हूँ कि प्राचीन समय में इस टैटू को "लील्या" कहा जाता था। इसी लील्ये से जुडी हमारे लीलाधर वंशीधर आनंदकंद वृन्दावन बिहारी श्री कृष्ण की एक अत्यंत मधुर लीला है जिसका वर्णन अभी करने जा रहा हूँ। 

एक समय की बात है, जब किशोरी जी को यह पता चला कि कृष्ण पूरे गोकुल में माखन चोर कहलाता है तो उन्हें बहुत बुरा लगा उन्होंने कृष्ण को चोरी छोड़ देने का बहुत आग्रह किया पर जब ठाकुर अपनी माँ की नहीं सुनते तो अपनी प्रियतमा की कहा से सुनते। उन्होंने माखन चोरी की अपनी लीला को उसी प्रकार जारी रखा। एक दिन राधा रानी ठाकुर को सबक सिखाने के लिए उनसे रूठ कर बैठ गयी। अनेक दिन बीत गए पर वो कृष्ण से मिलने नहीं आई। जब कृष्णा उन्हें मानाने गया तो वहां भी उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया। तो अपनी राधा को मानाने के लिए इस लीलाधर को एक लीला सूझी। ब्रज में लील्या गोदने वाली स्त्री को लालिहारण कहा जाता है। तो कृष्ण घूंघट ओढ़ कर एक लालिहारण का भेष बनाकर बरसाने की गलियों में घूमने लगे। जब वो बरसाने की ऊंची अटरिया के नीचे आये तो आवाज़ देने लगे:

मै दूर गाँव से आई हूँ, देख तुम्हारी ऊंची अटारी 
दीदार की मई प्यासी हूँ मुझे दर्शन दो वृषभानु दुलारी 
हाथ जोड़ विनती करूँ, अर्ज ये मान लो हमारी 
आपकी गलिन में गुहार करूँ, लील्या गुदवा लो प्यारी 

जब किशोरी जी ने यह करूँ पुकार सुनी तो तुरंत विशाखा सखी को भेजा और उस लालिहारण को बुलाने के लिए कहा। घूंघट में अपने मुह को छिपाते हुए कृष्ण किशोरी जी के सामने पहुंचे और उनका हाथ पकड़ कर बोले कि कहो सुकुमारी तुम्हारे हाथ पे किसका नाम लिखूं। तो किशोरी जी ने उत्तर दिया कि केवल हाथ पर नहीं मुझे तो पूरे श्री अंग पर लील्या गुदवाना है और क्या लिखवाना है, किशोरी जी बता रही हैं:

माथे पे मदन मोहन, पलकों पे पीताम्बर धारी 
नासिका पे नटवर, कपोलों पे कृष्ण मुरारी 
अधरों पे अच्युत, गर्दन पे गोवर्धन धारी 
कानो में केशव और भृकुटी पे भुजा चार धारी 

छाती पे चालिया, और कमर पे कन्हैया 
जंघाओं पे जनार्दन, उदर पे ऊखल बंधैया 
गुदाओं पर ग्वाल, नाभि पे नाग नथैया 
बाहों पे लिख बनवारी, हथेली पे हलधर के भैया 

नखों पे लिख नारायण, पैरों पे जग पालनहारी 
चरणों में चोर माखन का, मन में मोर मुकुट धारी 
नैनो में तू गोद दे, नंदनंदन की सूरत प्यारी 
और रोम रोम पे मेरे लिखदे, रसिया रणछोर वो रास बिहारी 


जब ठाकुर जी ने सुना कि राधा अपने रोम रोम पे मेरा नाम लिखवाना चाहती है, तो ख़ुशी से बौरा गए प्रभु। उन्हें अपनी सुध न रही, वो भूल गए कि वो एक लालिहारण के वेश में बरसाने के महल में राधा के सामने ही बैठे हैं। वो खड़े होकर जोर जोर से नाचने लगे और उछलने लगे। उनके इस व्यवहार से किशोरी जी को बड़ा आश्चर्य हुआ की इस लालिहारण को क्या हो गया। और तभी उनका घूंघट गिर गया और ललिता सखी ने उनकी सांवरी सूरत का दर्शन हो गया और वो जोर से बोल उठी कि ये तो वही बांके बिहारी ही है। अपने प्रेम के इज़हार पर किशोरी जी बहुत लज्जित हो गयी और अब उनके पास कन्हैया को क्षमा करने के आलावा कोई रास्ता न था। उधर ठाकुर भी किशोरी का अपने प्रति अपार प्रेम जानकार गद्गद हो गए। 

तो ये थी उस पवित्र लील्ये की पवन लीला। हम आशा करते हैं कि आपको इस लीला का विवरण पढने में आनंद आया होगा और आपकी प्रतिक्रियाओं का हार्दिक स्वागत है। एक और सूचना मई सब भक्तों को देना चाहूँगा कि इस वर्ष "बिहार पंचमी" का पवन पर्व 17 दिसम्बर को वृन्दावन में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा। ठाकुर श्री बांके बिहारी जी के प्रादुर्भाव दिवस के उपलक्ष्य में स्वामी जी की विशाल सवारी निधिवन से मंदिर पधारेगी। इस बिहार पंचमी को विवाह पंचमी भी कहा जाता है क्योंकि इसी तिथि को त्रेता में भगवान् राम का माँ जानकी से विवाह हुआ था। 

आप सबको बिहार पंचमी की बहुत बहुत बधाई।   

14 comments:

  1. anshu ji apne to hume barsana dham phocha diya.. apka bahut bahut abahar.. bahut anand bhari lila hai.. apka bahut bahut dhane vad..

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  2. <3 shree radhe

    karunamai dayamai shree priya preetam ki yugal jodi ki jai :)
    nikunj dahm shree vrindavan....sakhiyan...sahachari....manjari....
    swami shree haridas ju maharaj ki jai...
    guruvar k charnarvind m koti koti vandan....
    aap k shree charno m koti koti prem...

    prabhu aap ka dil se dhanyavaad, jo aapne hamare laadli laal ki itni prem-mai katha sunai.....
    naath....shree radhe or aapki kripa hamesha hm sab par bani rahe :)
    <3

    shubham krishna lalit

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  3. Radhey Radhey

    Prince ji apka bahut bahut abhaar aur Shubham ji apko dil ki gehraiyo se sadhuvaad. Ham koi nahi hote kisi par kripa karne wale, kripa to bas radhey ju ki hi hoti hai aur gurudev ka ashirwad hai jo ham par hamesha bana rehta hai. Apko hamari taraf se bahut bahut dhanyavaad.

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  4. shayam naam ki drsti dede radha naam ki bhakti sathi o sathi shayam naam ki drsti................bhut accha laga.......budi ko kese ws mai kiya jaaye eske ke baare mai bataya.........man mai vikar aa jaye dor kese ho...... ...agr shree krishna darti par aa jaye to wo kya kare .................... muje to gyya nahi dekhi jaati n ye dharti myya gnga n yamuna ji ............ek baar baba ne kha aapke ...maniye to shi aap wohi hai ........wo bihariji the mrdul krishna bihariji se

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  6. श्री राधे~श्री राधे~श्री राधे~श्री राधे~श्री राधे~श्री राधे~श्री राधे~श्री राधे

    Radhe Radhe

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  7. padh ke bahut aacha laga

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  8. radhe radhe anshu ji
    really bht anand aya padke..
    bht kash bihari ji hmare samne b ase hi prakat hojay jse radharani k samne hmare samne b ase hi ajay
    plz asi leelay unki jaldi-2 post kia kariy
    doob gay anand me

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  9. Radhey Radhey

    Sabhi bhakto ka bahut bahut abhaar.

    Purva ji, yadi kishori ji ki kripa bani rahi to post bhi karta rahunga.

    Radhey ju Kripa Kare

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  10. Jai radhey lala kaha baat anand aayego ... Lago reh saksha... Jug jug ji

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  11. Replies
    1. Pranam mitravar, bahut bahut.
      Yadi apko koi vishesh baat karni ho to aap mujhe mail kar sakte hain, godforalways2009@gmail.com

      Radhey ju Kripa Kare

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