मांगने वाले खाली न लौटे, कितनी मिली खैरात न पूछो
अरे उनकी कृपा तो उनकी कृपा है, उनकी कृपा की बात न पूछो
भक्तो, हमारी राधा राणी कितनी दयालु हैं, ये शायद किसी को भी बताने कि आवश्यकता नहीं है परन्तु फ़िर भी न जाने क्यों मन में बार बार यही विचार आ रहा है कि मै राधे जू कि कृपा के विषय में लिखूं. इनका दरबार तो ऐसा है जहा हर प्रकार के जीव को गले से लगाया जाता है. इतनी कृपा हमारे ठाकुर जी तो कर ही नहीं सकते जितनी कृपा वो बरसाने वाली बरसा देती हैं. बांके बिहारी तो वैसे ही भक्तो की आहों के आशिक हैं पर राधे जू अपने भक्तों कि आँखों में आंसू नहीं देख सकते. जिस जीव पर राधा राणी कृपा कर दें, फ़िर वो तो बांके बिहारी से मुकाबला करने के काबिल हो जाता है.
ऐसा ही एक प्रसंग मेरा लिखने का मन कर रहा है. बरसाने के पास एक छोटा सा स्थान है मोर-कुटी. इस स्थान कि महिमा मै बताने जा रहा हूँ. एक समय की बात है जब लीला करते हुए राधा जी प्रभु से रूठ गयी और वो रूठ के मोर-कुटी पर जा के बैठ गयी और वहां एक मोर से लाड करने लगी. जब हमारे ठाकुर जी उन्हें मनाने के लिए मोर-कुटी पर पधारे तो देखा कि राधे जू हमसे तो रूठ गयी और उस मोर से प्यार कर रही हैं. ठाकुर जी को उस मोर से इर्ष्या होने लगी. वो राधा राणी को मनाने लगे तो किशोरी जी ने ये शर्त रख दी कि हे! बांके बिहारी मेरी नाराज़गी तब दूर होगी जब तुम इस मोर को नृत्य प्रतियोगिता में हरा कर दिखाओगे. ठाकुर जी इस बात पर राज़ी हो गए क्यूंकि उस नन्द के छोरे को तो नाचने का बहाना चाहिए. और जब राधा राणी के सामने नाचने कि बात हो तो कौन पीछे हटे. प्रतियोगिता प्रारंभ हुई, एक तरफ मोर जो पूरे विश्व में अपने नृत्य के लिए विख्यात है और दूसरी ओर हमारे नटवर नागर नन्द किशोर. प्रभु उस मयूर से बहुत अच्छा नाचने लगे पर फ़िर किशोरी जी को लगा कि यदि बांके बिहारी जीत गए तो बरसाने के मोर किसी को मुह नहीं दिखा पाएंगे कि स्वयं राधा के गांव के मोर एक ग्वाले से न जीत सके. इसलिए किशोरी जी ने अपनी कृपामयी दृष्टि उस मोर पर डाल दी और फ़िर वो मोर ऐसा नचा कि उसने ठाकुर जी को थका दिया. सच है बंधुओ जिस पर मेरी राधे जू कृपा दृष्टि डाल दे, वो तो प्रभु को भी हरा सकता है. जिसने राधा राणी के प्यार को जीत लिया समझो उसने कृष्ण जी को भी जीत लिया क्यूंकि ठाकुर जी तो हमारी किशोरी जी के चरणों के सेवक है. हम यदि अपनी जिह्वा से राधा नाम गाते हैं, तो उसमे हमारा कोई पुरुषार्थ नहीं है, वो तो उनकी कृपा ही है जो हमारे मुख पर उनका नाम आया. और बंधुओ पूरा राधा कहने कि भी आवश्यकता नहीं है, आप अपनी वाणी कहो सिर्फ "रा", ये रा सुनते ही बांके बिहारी के कान खड़े हो जाते हैं और जब आप आगे बोलते हो "धा" मतलब आप बोलते हो "राधा", तो बांके बिहारी के कान नहीं फ़िर तो बांके बिहारी ही खड़े हो जाते हैं उस भक्त के साथ चलने के लिए.
जैसा कि गुरूजी कथा में भी बताते है, सात वर्ष के छोटे से कन्हैया ने सात कोस का बड़ा सा गोवेर्धन यदि उठाया था तो केवल राधा कृपा कटाक्ष के बल पर उठाया थ और इस बात कि पुष्टि खुद ठाकुर जी ने यही कह कर की है:
कछु माखन कूँ बल बढ्यो
कछु गोपन करो सहाय
श्री राधे जू कि कृपा ते
मैंने गिरवर लियो उठाए
राधा राणी की ठकुराई कि मै कहा तक चर्चा करूँ. किसी जीव कि तो छोडो, यदि राधे न चाहे तो बांके बिहारी भी ब्रज में नहीं रह सकते. जब कंस को मरने के लिए प्रभु मथुरा गए थे और फ़िर उद्धव को भेजा था ब्रज में अपना सन्देश देकर, तो राधा राणी के लिए उन्होंने यही सन्देश भेजा था:
हे वृषभानु सुते ललिते, मम कौन कियो अपराध तिहारो
काढ दियो ब्रज मंडल ते, अब औरहु दंड दियो अति भारो
सो कर ल्यो अपनों कर ल्यो, निकुंज कुटी यमुना तट प्यारो
आप सों जान दया कि निधान, भई सो भई अब तेरो सहारो
ये तो सारी पुराणी बातें हैं, पर पिछले दिनों उनकी एक कृपा मेरे ऊपर भी बरसी. मुझे अपने एक विशेष भक्त का सानिध्य उन्होंने प्रदान किया. उन्होंने मेरा मिलन हम सबके प्रिय, भक्त श्री प्रिंस वर्मा जी से करवा दिया. इस जीवन से और क्या आशा करें, वो गुरूजी का, अपने भक्तों का संग प्रदान कर देती हैं अपने चरणों की मस्ती देती हैं. उनकी कृपा के किस्से खतम नहीं होने वाले, मै कहाँ तक लिखूं.
जब तेरी इनायत पे मेरी नज़र जाती है
हे वृषभानु लली मेरी आँख भर आती है
कुछ मांगने की तो आज तक ज़रूरत ही नहीं पड़ी
हाथ उठने से पहले दुआ कबूल हो जाती है
हम सब भक्तो पर कृपा करने के लिए अब वो किशोरी जी माँ दुर्गा बनके हमारे घरों में पधारेंगी और नौ दिनों तक अपने भक्तो के साथ ही रहेंगी. वासंतीय नवरात्र शुक्रवार २३ मार्च, २०१२ से प्रारंभ हो रहे हैं, वो मैया ही दुर्गा हैं, वही काली हैं और वहो राधा रूप भी हैं. मेरी उनके श्री चरणों में यही प्रार्थना है कि उनके सारे भक्त सुखी रहें, निरोगी रहें और किसी को कोई दुःख न सताए. माँ अपनी अमृतमयी दृष्टि आपके और आपके परिवार पर सदा बनाये रखें.
सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चित् दुःख भाग भवेत्
यदि हम अपनी संस्कृति के अनुसार देखें तो हमारा नया साल तो अब आया है. जनवरी में हमारा नया साल नहीं होता. आइये हम सब भारतीय नव वर्ष मनाये और मेरा अनुरोध है कि आप अधिक से अधिक मात्रा में इस नव वर्ष कि बधाई अपने मित्रों को दें जिससे हमारी संस्कृति एक बार फ़िर जिन्दा हो जाये और उसका प्रचार हो. आप सबको हमारे परिवार कि ओर से वासंतीय नवरात्रों और नव संवत २०६९ की हार्दिक शुभकामना.
~~~~~~***~~~~~ जय माता दी ~~~~~***~~~~~
बहुत सुंदर
ReplyDeleteक्या कहने
Kya bat hai anshu ji..
ReplyDeleteapne fir se mujhe barsana phocha diya,lagta hai apse fir se puchna padega main kha pe tha..
Radhe Ju Kirpa kare..
Radhe Radhe..
Radhey Radhey
ReplyDeletemahendra ji, prince ji apka bahut bshut abhaar. Sab unki kripa hai.
nam ghanshyam ka deewana bana deta hai
vihar sanware sarkar ka mere dil ko
kabhi gokul kabhi barsana bana deta hai.
Radhey ju Kripa Kare
radhe radhe..
ReplyDeleteanshu ji..
kya bat..asa lagta h jse radhe ju samne ake beth gai..
sthir hogai h samne..
hmko b barsana ka warnan kr do..wha pr kya-2 or kn-2 se mandir kya mahima unki anshuji n prince ji..
i think u both ve went dr many times
really anshu ji apko pad ke
ReplyDeletemje bht motivation mil rha h..
aag si lag ri h..
bs prabhu or guruji kripa kare to me apni feelings express kr pao..bht bhao utha rhe h really..
i m becoming mad
radhe ju plz kch karo
radhe radhe..
ReplyDeleteanshu ji..
kya bat..asa lagta h jse radhe ju samne ake beth gai..
sthir hogai h samne..
hmko b barsana ka warnan kr do..wha pr kya-2 or kn-2 se mandir kya mahima unki anshuji n prince ji..
i think u both ve went dr many times
Radhey Radhey Poorva ji
ReplyDeleteapka bahut bahut abhaar
Bahut bar to nahi, par ha kishori ji ne ek bar to bulaya hai apne mahal me. Waha ka varnan mai kaise karu, waha ki mahima to khud brahma ji nahi gaa sakte. Bas itna jan lo ki wo meri radha rani ka gao hai, iske age kuch kehne ki zarurat hi nahi hai.
Rahi baat mandir ki, to aap guruji ki brij 84 kos yatra sun lo, pata chal jayega. Mere liye to barsane ka har ghar hi mandir ke saman hai.
Radhey ju Kripa Kare
radhe radhe..
ReplyDeleteanshu ji..
hmare pas or h hi kya unke nam k alawa
bs.
radhe radhe gaye jay prabhu ko rejhaye jate h..
or kch kam ni..
mne likha h unke bare me bhejungi apko abi kch tim me.
abi b prabhu likhway ja rhe the to bs dhun me kch pta ni chala
fair krke apko mail karungi..
jana h mje b barsana
kya karu prabhu vrindavan me pakad ke samne bithal lte n to wha jay ni pati
kher wo b to radhe ju ki kripa se hi to ye b
rrrrrrrraaaaaaaaaaaddddddddddddddhhhhhhhhhhhheeeeeeeeeee.......
rrrrrrrraaaaaaaaaaaddddddddddddddhhhhhhhhhhhheeeeeeeeeee.......
Radhey Radhey Poorva ji
ReplyDeleteMujhe apke mail ka intezar rahega.
Radhey ju Kripa Kare
Radhe radhe to all ..specially anshu & prince & kapil......
ReplyDeletebahut sunder likha hai anshu ... guru kripa bani rahe .........!!!!!
RADHE RADHE
Shri Radhe Radhe Shagun di..
DeleteBahut din bad apka Koi Msg aya acha laga..
Radhe Ju kirpa kare..
or ha jiju ko bhi Radhe Radhe khena..:)
Radhey Radhey Shagun di
ReplyDeleteApka bahut bahut abhaar. Sab unki prerna se hi likh raha hu aur agar kripa bani rahi to age bhi likhta rahunga.
Radhey ju Kripa Kare
JAI MATA DI ....SHER PE SAWAR HOKEAAJA SHERA WALIYE....SYE HUYE BHAG JAGA JA SHERA WALIYE.........JAI JAI SHRI RADHYE SABBAGAT VRIND KO MERA SAT SAT NAMAN ...........
ReplyDeleteश्री बाँकेबिहारी लाल कि जय 🙌
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