Home

Thursday, February 23, 2012

श्री धाम वृन्दावन का होली महोत्सव


बिहारी बिहारिणी की रे मोपे यह छवि बरनी न जाये 
रंग महल में होली खेलें, अंग अंग रंग छु छाए 
तन मन मिले जुले मृदु रस में, आनंद उर न समाये 
श्री हरिदास ललित छवि निरखें, सेवत नव नव भाये 

हमारे श्री धाम वृन्दावन के रसिक सम्राट, रसिक चक्र चूडामणि, परम श्रधेय आचार्य स्वामी श्री हरिदास जी महाराज ने इस पद की रचना की. वो युगल सरकार की होली लीला का अपने ध्यान में दर्शन कर रहे है और सबसे पहले स्वामी जी यही कह रहे है कि मै श्यामा श्याम की उस छवि का वर्णन नहीं कर सकता. वो रंग महल में होली खेल रहे हैं और उनका अंग अंग रंग से भीगा हुआ है. स्वामी जी कहते हैं कि उनका तन और मन पुलकित हो रहा है और इस छवि को देख के स्वामी जी को इतना आनंद हो रहा है कि इस आनंद को अपने ह्रदय में समेट नहीं पा रहे हैं. 

स्वामी जी के इस पद के भाव तो इतने गंभीर हैं की उन्हें इस लेख की सीमओं में बाँध पाना असंभव है. वो नित्य वृन्दावन (निधिवन) में इस लीला का दर्शन कर रहे हैं और स्वयं इस बात को मानते हैं इस छवि का वर्णन नहीं किया जा सकता. निधिवन कोई सामान्य स्थल नहीं है, वो तो प्रेम का सिन्धु है और राधा कृष्ण इस प्रेम सिन्धु की एक बूँद के रूप में ब्रज में प्रकट हुए हैं. वो यमुना के तीर पे और कुंजों में जब नृत्य करते हैं, तो वो सब भक्तों के लिए एक खुली तिजोरी के समान है जिसमे ठाकुर जी खुद कहते हैं की आओ मुझे छुओ, मुझे अनुभव करो और मेरे साथ नाचो, तुम मुझे प्यारे हो, तुम मेरे हो, आके लूट लो मुझे. तो इस होली पर चलिए ठाकुर जी के रंग में अपने आप को रंग लें और उनके कृपा के महासागर में डूब जाएँ.

अब ज़रा इस बात को जान ले की श्री धाम वृन्दावन में यह दिव्य त्यौहार किस प्रकार से मनाया जाता है. प्रभु के धाम में होली ५ दिन तक खेली जाती है. फाल्गुन शुक्ला एकादसी (आनोला एकादसी) से प्रारंभ होकर फाल्गुन की पूर्णिमा तक ठाकुर जी होली खेलते हैं. वैसे तो होली का रंग बिहारी जी पे बसंत पंचमी के दिन ही चढ़ जाता है. बसंत पंचमी के दिन पहली बार बिहारी जी के मंदिर में शयन आरती के वक़्त गुलाल उड़ाया जाता है. और फाल्गुन के तो पुरे महीने में ठाकुर जी के गाल गुलाल से सुशोभित होते है. चटकीले रंग की पोषक पहने, बांकी पगड़ी धारण किये हुए ठाकुर जी ऐसे मुस्कुराते हो मनो मोहिनी ने अपना डेरा डाल लिया हो. उनके माथे मर एक बड़ी सी बिंदी, और उसके नीचे वो मोटे मोटे कजरारे कजरारे नैन, जिनमे वही शरारत भरी हुई रहती है. और एकादसी से तो पूर्ण रूप से होली शुरू हो जाती है और होलिका दहन तक मनाई जाती है. इस बीच ठाकुर जी अपना कमरा छोड़ के भक्तो के पास आ जाते हैं जहाँ उनके लिए एक प्यारा सा चांदी का घरोंदा बनाया जाता है और ठाकुर जी वहां से खूब रंग बरसाते है. ठाकुर जी सफ़ेद रंग की सुंदर पोषक पहन के अपने दर्शन खोलते है और शाम तक बिहारी जी के कपडे हर रंग में रंग जाते है. रंग से सराबोर ठाकुर जी की छवि का क्या नज़ारा होता होगा, इसका वर्णन मै क्या कोई भी नहीं कर सकता, उसका तो केवल दर्शन ही किया जा सकता है. ठाकुर जी को लगाये जाने वाला रंग टेसू के फूलों को उबाल कर तैयार किया जाता है. मंदिर के गोस्वामी इस रंगीन पानी को भक्तो पर डालते रहते है. इसके अतिरिक्त चन्दन और गुलाब का पानी भी भक्तो पर लुटाया जाता है. सूखे रंग मंदिर में पूरा दिन उड़ते रहते है और भक्त केवल एक ही धुन गाते रहते है : होली है ; होली है ; होली है. भक्तों की टोलियाँ मंदिर में होली के रसिया गाते हैं. आप सब भी पूज्य गुरुदेव के साथ मिलकर गाते ही होंगे, पूज्य गुरुदेव ने अपनी सुमधुर आवाज़ में कितने सुंदर भजन गाये हैं.


आये फाग खेलन, गोपाल बरसाने में 
गावे ख्याल, देदे ताल उर हर्षत है
इत ते किशोरी गोरी, सखियों के ऊथ महान
लेके अबीर पे कपोल पर्सत है 
कंचन पिचकारी मारी ताकि बिहारी ने 
लाल बलबीर प्रति अंग दर्शत है 
छतन ते, छज्जन ते, झरोखन ते, मोखन ते, 
आज नन्द लाल पे गुलाल बरसत है

होलिका दहन के अगले दिन, अर्थात चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को दुल्हेंदी कहते है. पूरे देश में तो होली का आनंद इसी दिन मनाया जाता है, पर जैसे हमारे ठाकुर जी बांके है उसी तरह उनका त्यौहार मनाने का समय भी बांका ही है. जब पूरा देश होली खेलना शुरू करता है, उस दिन ठाकुर जी की होली विश्राम की ओर बढ़ जाती है. इस दिन चांदी के घरोंदे की जगह सोने का एक विशाल सिंहासन ले लेता है जिसपर ठाकुर जी विराज कर भक्तो को देखते है. रिवाज़ के अनुसार बांके बिहारी जी होली नहीं खेलते. मंदिर के परदे जो अब तक रंग में सन चुके होते हैं, उन्हें भी उतार कर नए परदे लगा दिए जाते है. इस दिन मंदिर के गोस्वामी भी भक्तो पर रंग नहीं डालते और भक्त अपने साथ ही गुलाल ले जाते हैं और आपस में एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं. ठाकुर जी फूल डोल में बैठे बैठे मुस्कुराते है.


आप सब भक्तों को हमारे परिवार की ओर से और पूज्य गुरुदेव की ओर से होली कि बहुत बहुत शुभकामना. यह त्यौहार आपकी जिंदगी में रंग भर दे, आप सब स्वास्थ्य से तंदरुस्त रहे, अपने अपने कार्यों में व्यस्त रहे और बिहारी जी की मस्ती में मस्त रहे. हमारी यही मंगल कामना है. 

~~~~~ श्री राधे ~~~~~ होली की हार्दिक बधाई ~~~~~ श्री राधे ~~~~~

वार्षिक होली महोत्सव के पवन पर्व पर 

१०८ श्रीमद भगवत कथा का आयोजन 


कथा व्यास विश्व विख्यात भगवत रत्न 
परम श्रधेय आचार्य गो० श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महाराज 

दिनांक:
1 मार्च से 7 मार्च, 2012 

समय:
दोपहर 03:00 बजे से सायें 07:00 बजे तक 


स्थान:
श्री राधा स्नेह बिहारी मंदिर, बिहारीपुरा, वृन्दावन 



23 comments:

  1. Bahut hi khub likha hai anshu ji.. radhe ju ap ashirwad ki holi barsa de...
    Radhe Radhe..

    ReplyDelete
  2. राधे राधे
    जानकारी मिल जाती है यहां
    बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  3. radhe radhe kya ye program live hogo

    ReplyDelete
  4. shrimaan ji muijhe RAM KATHA (GORAV KRISHNA JI) KI DVD LANI HE MAIN 2 DIN SE VIPUL MUSIC MAIN PH KAR RAHA HU PER KOI UTHA NAHI RAHA
    PLS AGAR KOI MOBILE NO. HO TO PUBLISHED KARNA

    ReplyDelete
  5. Radhey Radhey Bhakt ji

    Ye programme Adhyatm tv pe Live ayega.

    Vipul Music Company ke office me phone nahi utha rahe hai, ham bhi kuch dino se try kar raha hai. Unka mobile number to nahi hai, aap thoda intezar keejiye. Vaise bhi DVD ane me kam se kam 1 month ka time to lagta hi hai.

    Radhey ju Kripa Kare

    ReplyDelete
  6. hey radha rani hey bankey bihari ji aap ham sab par apne krapa barsate rehna hum sab ko apne charno me jage dena jai shree radhe bankey bihari lal ki jai shree radha rani ki jai jai jai shree radhe jai jai shree radhe jai jai shree radhe radhe radhe

    ReplyDelete
  7. radha rani ji mujhe kabhi bhi apne charno se alag mat karna bas itni hi binti karta hu apni krapa apne is beta per banaye rakhna mujhe kabhi bhi apne charno se alag mat kariyo radha rani ji moye vrindavan bulati rehna darshan dete rehna radha rani ji ki jai vrindavan bankey bihari lal ki jai jai jai shree radhe jai jai shree radhe jai jai shree radhe radhe radhe

    ReplyDelete
  8. Radhe Radhe
    Live Katha ka samay 3-7pm hai...ek hamari request thi...krupayaa iska ek repeat raat ko 9 pm ke baad phir se Adhyatma channel par dikhaye...Live ke samay office mein rehna padtha hai aur hamare cable mein Adhyatma channel nahin aata...tho iss katha ki repeat yadi dikhayi jaaye, tho online hum raat ko dekh lenge...
    Jab se Katha keval Adhyatma channel par aaya hai, tabse ek bhi katha sunne ko nahin milli. :-(( Iss varsh Sneh bihari mandir ki Holi katha miss ho rahi hai, bahuth dukh aur dard ho rahi hai, please iska repeat dikhaye ...

    Bihariji ke aur Gurudev ke charno mein koti koti pranam!

    ReplyDelete
  9. Radhey Radhey ji,

    Ham hath jod ke apse mafi mangte hai par apki ye request ham entertain nahi kar sakte. Ham to sirf Guruji ke charno ke sewak hai aur Adhyatm ke Telecast to unke officials hi dekhte hai. Aap apni request agar Adhyatm Channel ke office me pahuchaye to shayad kuch ho sakta hai. Agar fir bhi kuch nahi hota, uska ek hi alternative hai ki aap Vipul Music se is katha ka DVD set purchase kar le.

    Radhey ju Kripa Kare

    ReplyDelete
  10. parnam Ansu ji ........jai jai shri radhye aap ko aur mere guru dev aur bade guru ji aur unn ke pure parivar ko holi ki bahut bahut shubkamnaye agar ho sake to iss dasi ki shubhkamnaye guru ji ko aur unn ke parivar tak aap pahuncha de to aap ki ati kripa hogi ..........HAPPY HOLI

    ReplyDelete
  11. Radhey Radhey

    Apka bahut bahut abhaar shubhkamano ke liye.

    Ham kaun hote hai apki badhai ko gurudev tak pahuchane wale. Apne apne man me esa vichar kiya bas apki badhai guruji aur radha rani tak apne aap pahuch gayi.

    Apka Bhi hamari or se holi ki mangal kamna.

    Radhey ju kripa Kare

    ReplyDelete
  12. Radhe radhe Anshu ... bahut sundar warnan kiya hai brij holi ka .. tum par guru kripa bani rahe ....
    Waise to brij holi ka warnan mushkil hi nahi na mumkin hai .. kyuki waha jaa kar hi uss ka anubhav ho sakta hai par jab bhakt jaa nahi paate to aase lekho se bhaw ke dwara bihariji ke mandir pahuch jaate hai ... jaise mein pahuch gayi ye article padh kar ...
    RADHE RADHE

    ReplyDelete
  13. Radhey Radhey Shagun di

    Apka bahut bahut abhaar, ye sab aap jaise bhakto ki dua ka aur gurudev ke ashirwad ka prabhav hai.

    Radhey ju Kripa Kare

    ReplyDelete
  14. holi khel rhe bake bihari
    aj rang baras rha
    dko jhum rhi duniya sari aj rang baras rha
    hoi h holi h......
    yar anshu ji ap kitna acha likkte ho me likhna chahti hu
    plz kch tips y ideas dejiy n likhne k..
    really i want to write

    ReplyDelete
  15. Radhey Radhey Poorva ji

    Apka bahut bahut abhaar, sahi batau to yeh sab mai nahi likhta, ye to guruji likhwate hai. Sab unki prerna se likhta hu. Apko acha laga ye bhi unhi ki kripa hai.

    Aap bhi likhna chahti hai to apne andar dard paida karo, shabd apne aap aa jayenge.

    Radhey ju Kripa Kare

    ReplyDelete
  16. shi btao wse chahti to ni btana pr shayd ap smj sakte ho isliy dard to bht h..
    or likhne ki koshsh b krti hu pr jb likhne bethti hu n itni bh jati hu n ki fr lik ni pati bht rona ata..likha to h pr pta ni lgta h koi padega to kya bolega..pta ni bs me apni feelings express ni kr skti isse jada..
    shayd ap smj sakte ho

    ReplyDelete
  17. radhe radhe anshu ji..
    wse ap online kb hte ho mostly.

    ReplyDelete
  18. Radhey Radhey Poorva ji

    Agar aap duniya walo ke liye likhte ho, to apko dar lagna chahiye ki kaun kya bolega par agar aap thakur ji ke liye likhte ho to fir is dar ka koi matlab nahi hai kyuki fir thakur ji ko acha lagega. Isliye mai to mostly thakur ji ke liye hi likhta hu, age unki marzi. Isliye is dar ko apne andar se nikal do ki log kya bolenge. Apne jo articles likhe hai aap wo hamare facebook page pe post kar sakte ho air agar aap ham tak personally pahuchana chahte ho to mujhe e-mail kardo on my id godforalways2009@gmail.com

    Radhey ju Kripa Kare

    ReplyDelete
  19. shri radhe aanshu ji..!!

    anshu ji hum bhi aapke deewano ki list mai shamil hai...!! humse bhi mil kar hume bhi dhyan kare.

    ReplyDelete
  20. radhe radhe anshu ji...
    bat to bht achi khi yar apne..
    dar to khatm ho chuka h ji..ksi ka ni blkl
    jb radhe ju sat to kski majal unke bache ko koi pareshan kare..
    na wo to me bhej dngi prince ji k threw y apko hi.directly.
    bt fr b pta ni ksi feelng h bht ajib h kya btao ap b hmare jse hi ho n smj skte ho.
    koshsh krti hu apne dil ki or guruji ki likh saku
    hmme to kch ni ata hindi b bht bekar h pr shayd radhe ju or guruji kripa se kch..

    ReplyDelete
  21. Radhey Radhey Poorva ji

    Hame hindi se ya apki likhavat se kuch na dena nahi hai. Hame to sirf bhav dekhna hai aur prabhu bhi to bhav ke hi bhookhe hai.
    "World cares about your presentation, no matter what your intentions are but God cares for your intentions, no matter what your presentation is"

    Radhey ju Kripa Kare

    ReplyDelete
  22. Radhey Radhey Kapil Bhaisahab

    Malik, ham apko apni deewano ki list me shamil nahi kar sakte. Ham to khud apke charno ke sewak hai, aap kyu is dhool ko sir chadha rahe ho. Ham apka kya dhyan kare, aap apni daya drishti dal do ham par to jeevan sudhar jaye.

    ReplyDelete
  23. radhe radhe
    thank u anshu ji 4r ur motivation..
    actuly i was feeling something.
    bt i wiill write chaiy fr jo b
    kbi publicly n ksi k liy likha ni h n isly..hmesha yad krke lik ate the..bt ab shayd likh pao apne prabhu k liy

    ReplyDelete