Home

Monday, September 5, 2011

RADHA-ASHTAMI AND SWAMI HARIDAS JAYANTI


किशोरी सुंदर श्यामा तू ही सरकार मेरी है
नहीं है औरन से मतलब, तू ही एक आस मेरी है
किशोरी सुंदर श्यामा, मुझे विरह ने घेरी है
दर्शन देके कृपा कीजो, अब कहे की देरी है

आप सब भक्तों को हमारी तरफ से राधा अष्टमी की हार्दिक शुभकामना. रास रासेश्वरी हमारी राधे जू आज भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को ही बरसना धाम में श्री वृषभानु जी के यहाँ प्रकट हुई. बरसना धाम में श्री जी के मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और राधारानी का अद्भुत श्रृंगार किया जाता है. ब्रज भूमि में जिस उमंग से जन्माष्टमी मनाई जाती है उसी उमंग से राधा अष्टमी भी मनाई जाती है. 

आज का दिन केवल इसलिए खास नहीं है कि आज राधा अष्टमी है, बल्कि आज एक और विशेष दिन है. आप सब स्वामी हरिदास जी को तो जानते ही हो. तानसेन और बैजू बावरा के संगीत गुरु एवं श्री बनके बिहारी जी को ब्रज में लेन वाले श्री हरिदास जी महाराज का जन्मदिन भी आज ही के दिन हुआ था. इसलिए ब्रज भूमि में यह अष्टमी एक अति विशिष्ट दिन है. क्युकी आज भक्त और भगवान दोनों का ही प्राकट्य धरती पर हुआ था. 

आज के दिन निधिवन और श्री बाँके बिहारी मंदिर को वृन्दावन में सजाया जाता है, और सुबह दोपहर में रोज़ कि तरह दर्शन के पश्चात्, श्री बनके बिहारी जी के आँगन में रास लीला का मंचन किया जाता है. पूरे वर्ष केवल यही एक दिन है जब यहाँ रास लीला का दर्शन भक्त कर सकते है. आज श्री बनके बिहारी मंदिर से निधिवन तक एक जुलुस भी निकला जाता है जिसे ब्रजवासी समाज गायन कहते है. इस समाज गायन में भक्त अपनी अपनी भजन मण्डली बनाकर प्रभु के नाम का आश्रय लेकर स्वामी श्री हरिदास जी को रिझाते है. इस समाज गायन में बिहारी जी स्वामी हरिदास जी के लिए प्रसाद के रूप में अनेक उपहार भेजते है जिन्हें भक्त ले जाकर हरिदास जी कि समाधी पर चढ़ा देते है. फिर निधिवन में भी रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन होता है और पूरे वर्ष में केवल इसी दिन भक्त देर तक निधिवन में रुक सकते है नहीं तो ये स्थान सूर्यास्त से पहले ही बंद हो जाता है क्युकी ऐसी मान्यता है कि यहाँ आज भी प्रभु और राधा रानी रास रचाने आते है. इस दिन कि रास लीला कि तर्ज वेणी-गुथन लीला है अर्थार्थ भगवान राधा रानी कि छोटी बना रहे है और उन्हें कह रहे है कि हे किशोरी! पूरी धरती पर मुझसे अच्छी वेणी कोई नहीं गूँथ सकता, और जिस प्रकार फूल तुम्हारे बालो में मै लगा दूंगा उस तरह कोई नहीं लगा सकता. जब राधा जी मन जाती है तो प्रभु ने आज ही के दिन राधा रानी का पूरा श्रृंगार अपने हाथों से किया है. येही स्वामी श्री हरिदास जी का भाव है. 

केवल इतना ही नहीं आज हरिदास जी महाराज कि जयंती के उपलक्ष्य में संगीत समारोह का भी आयोजन किया जाता है जिसमे दूर दूर से भक्त अपनी कला का प्रदर्शन करते है और उन्हें कला रत्ना सम्मान से पुरस्कृत भी किया जाता है. 


आप सब भक्तो को परम पूज्य गुरुदेव श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महारज कि ओर से राधा अष्टमी और स्वामी श्री हरिदास जयंती कि हार्दिक बधाई एवं ढेर सारा आशीर्वाद



आप सब भक्तो को परम पूज्य गुरुदेव श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी महारज कि ओर से राधा अष्टमी और स्वामी श्री हरिदास जयंती कि हार्दिक बधाई एवं ढेर सारा आशीर्वाद  


1 comment: