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Monday, September 26, 2011

शरद पूर्णिमा

गुलाब मुहब्बत का पैगाम नहीं होता 
चाँद चांदनी का प्यार सरे आम नहीं होता 
प्यार होता है मन कि निर्मल भावनाओं से
वर्ना यूँ ही राधा-कृष्ण का नाम नहीं होता

जब जब कोई भी भक्त भगवन कृष्ण और उनके नामों के बारे में सोचता है, तो उसके हृदय में सबसे पहला नाम आता है रास-रचैया. जी हाँ बंधुओ, हमारे कान्हा ने रास के माध्यम से जो प्रेम का सबक मानव जाति को सिखाया था उसकी वाकई में कोई मिसाल नहीं है. 
आश्विन मास कि पूर्णिमा को भगवन ने अनन्त रूप धारण कर हर गोपी के साथ नृत्य किया था और इसी पूर्णिमा को हम लोग ,महारास कहते हैं. 
पूरे वर्ष में केवल इसी दिन, वृन्दावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में प्रभु के हाथों में मुरली शोभायेमान होती है. इस दिन के दर्शनों का विशेष महत्व है हर भक्त के जीवन में. इस दिन प्रभु कि झांकी श्वेत रंग में ढकी हुई होती है. अन्य और भी अनेक बदलाव देखे जा सकते है. यदि आप पर मेरी किशोरी जी कि कृपा होती है और वो आपको इस पवन दिन श्री धाम वृन्दावन में बुलाती है, तो आप इन बदली हुई बातों को देखे और हमें बताएं.

इस दिन लोग खीर बना कर चांदनी के नीचे रखते है और प्रातः उसे प्रशाद के रूप में ग्रहण किया जाता है, क्यूंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन चांदनी प्रभु के चरण स्पर्श करती है और वही चांदनी जब हमारी खीर को स्पर्श करेगी तो भगवान हमारी खीर का भोग भी लगा लेंगे.

आप सब भक्तों के लिए शरद पूर्णिमा के अवसर पर एक और भी खुश खबर है. परम पूज्य गुरुदेव श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महारज की अध्यक्षता में शरद पूर्णिमा महोत्सव श्री निधिवन में बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है. आप सबको पूज्य श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी महाराज कि अनुपम वाणी में भजन संध्या का लाभ भी प्राप्त होगा. इस आयोजन की संपूर्ण जानकारी नीचे दी जा रही है.


Wednesday, September 21, 2011

Exclusive Pics of Jhansi Katha and Guru_Vanni or Katha Telicast

राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधेराधे
राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे

राधे ~राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधेहमारे गुरुदेव ने झाँसी में भगवत रूपी कथा से एसा आनंद बरसाया की कथा के अंत तक हर भक्त के मुख पे सिर्फ यही आरजू थी गुरु देव अगली बार जल्द आना, हर मन बस बस यही खे रहा था हरी की कथा सुनाने वाले तुमको लाखो परनाम और हर भक्त के मन में बस राधे नाम की झड़ी लगी थी और आंखे बंद करते ही उस बाखे बिहारी की मुस्कुराते हुई छवि सामने थी क्या रंग बरस रहा था ये एक श्रधा से कथा सुनाने वाला भक्त ही समझ सकता है..
तुम्हारी इस तिरछी नैनो पे बलिहार मेरे गुरुवर
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Guru_Vanni

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Watch Special Telicast Of Shrimad Bhagwat Katha

By Pujya Shri Mridul Krishna shastri Ji Maharaj
Venue : Dilshad Garden, Delhi
Date : 22 Sep To 28 Sep 2011
Time : 08.00 PM To 11.00 Pm
on Adhyatm Tv


राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे राधे~राधे

Saturday, September 17, 2011

Upcoming Programmes and Upcoming Publications

गिला आपसे नहीं कोई
गिला हम अपनी मजबूरियों से करते हैं
आप आज हमारे करीब नहीं तो ना सही
मुहब्बत तो हम आपकी दूरियों से भी करते हैं



लगभग ३ महीने बीत गए परम पूज्य गुरुदेव को यहाँ से गए हुए. यह दिन सिर्फ उनकी यादों के सहारे ही तो काटे हैं हम सबने. बस उनकी सुमधुर आवाज़ कानों में पद जाया करती थी और यह दिल सिर्फ यही इन्तेज़ार करता रहता था की गुरुदेव कब वापस अपने देश में पधारे. पर अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं हैं. आप सब को जान कर बेहद खुशी होगी की गुरूजी इस महीने की १९ तारिख को अपने भक्तों के पास, अपने प्रभो के पास और अपने देश वापस आ रहे है. आइये हम सब मिलकर पूज्य गुरुदेव का स्वागत करें. हम उन्हें लेने के लिए तो नहीं जा सकते, पर घर बैठे ही उन्हें एक बार बताना ज़रूर की हे! गुरुवर आपके ये दस आपके इंतज़ार में बैठे थे. और ये मेरा विश्वास है की यदि आपके वचनों में सच्चाई और श्रध्दा होगी, तो गुरुदेव ज़रूर आपकी बात को सुनेंगे. 

बात केवल यहीं पे खत्म नहीं होती, दिल्ली वालों के लिए तो एक बहुत ही बड़ी खुश खबरी है. सदगुरुदेव दिल्ली के दिलशाद गार्डन में अपनी कथा का आयोजन कर रहे हैं जिसकी संपूर्ण जानकारी ऊपर दिए गए इश्तिहार में है. आप सबको कथा अमृत की बहुत बहुत बधाई.
" इस कथा का सीधा प्रसारण अध्यात्म चैनल पर आयेगा "

आपकी दुआ से काबिल बने है हम 
एहसानों का मोल कैसे चुका सकते है
बस अपना आशीर्वाद बनाये रखना आप
फ़िर तो आसमां को भी झुका सकते हैं







Saturday, September 10, 2011

चले अध्यात्म की ओर



आप सब भक्तों के लिए एक बहुत ही खुशी की खबर मई आज यहाँ आपको बताने जा रहा हू. आप सबको जान कर यह बेहद खुशी होगी की परम पूज्य गुरुदेव ने अपना निजी टीवी चैनल लॉन्च कर दिया है. चैनल का नाम है
"अध्यात्म - चलें आनंद की ओर". 


जैसा की आप सब जानते है कि परम पूज्य गुरुदेव अपने भक्तो से बेहद प्यार करते है और सदा उनकी खुशी को ही अपनी खुशी मानते है. तो अपने सब भक्तो का ध्यान रखते हुए ही गुरूजी ने यह कदम उठाया है और हम सबको यह सौभाग्य प्रदान किया है कि जो कथा अब तक केवल समय समय पर ही आया करती थी, वेह कथा एवं गुरूजी कि मधुर वाणी आप सब तक अधिक मात्रा में पहुचे और आप सब उसका आनंद उठा सके. पूज्य महाराज श्री जी ने भक्ति और भगवत प्रचार के लिए इस चैनल का निर्माण किया और हम सब जीवों को अनुगृहित किया.

बंधुओ, एक बात सोच कर मै बड़ा गंभीर हो गया कि परम पूज्य गुरुदेव हमारे लिए इतना सब कुछ करते है पर हम उनके लिए क्या कर रहे है. हम सब चाहते है कि हम जो परमात्मा से प्रेम कर रहे है उसका प्रतिउत्तर हमें उससे मिले, तो हम लोग गुरुदेव को उनके स्नेह का क्या प्रतिउत्तर दे रहे है. देखिये वो हमसे हमारा रुपया, धन आदि नहीं चाहते, वो तो केवल इतना चाहते है कि जिन भक्तो को वो एक पिता कि भांति प्यार कर रहे है, उनके वे भक्त कभी उन्हें धोखा न दे और कभी प्रभु के मार्ग को न छोड़े.

मै आज यहाँ आपको शिक्षा देने के लिए नहीं लिख रहा हू, बल्कि ये जानकारी तो उनके चैनल कि है. आप सब जल्द से जल्द अपने केबल वाले से संपर्क करे और गुरूजी के इस प्रसाद का भोग आरम्भ करे.


The Technical Details of the Channel are 
FREQUENCY INTELSAT-10, D/L FREQUENCY=3752 MHz, SR-9300 ksps, FE-3/4, DVBS-2, SK, MPEG-4

For any more details, you can log on to the official website of this channel "www.adhyatmtv.com"

आप सबको एक बार फिर हार्दिक बधाई

II राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे II 

Monday, September 5, 2011

RADHA-ASHTAMI AND SWAMI HARIDAS JAYANTI


किशोरी सुंदर श्यामा तू ही सरकार मेरी है
नहीं है औरन से मतलब, तू ही एक आस मेरी है
किशोरी सुंदर श्यामा, मुझे विरह ने घेरी है
दर्शन देके कृपा कीजो, अब कहे की देरी है

आप सब भक्तों को हमारी तरफ से राधा अष्टमी की हार्दिक शुभकामना. रास रासेश्वरी हमारी राधे जू आज भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को ही बरसना धाम में श्री वृषभानु जी के यहाँ प्रकट हुई. बरसना धाम में श्री जी के मंदिर को विशेष रूप से सजाया जाता है और राधारानी का अद्भुत श्रृंगार किया जाता है. ब्रज भूमि में जिस उमंग से जन्माष्टमी मनाई जाती है उसी उमंग से राधा अष्टमी भी मनाई जाती है. 

आज का दिन केवल इसलिए खास नहीं है कि आज राधा अष्टमी है, बल्कि आज एक और विशेष दिन है. आप सब स्वामी हरिदास जी को तो जानते ही हो. तानसेन और बैजू बावरा के संगीत गुरु एवं श्री बनके बिहारी जी को ब्रज में लेन वाले श्री हरिदास जी महाराज का जन्मदिन भी आज ही के दिन हुआ था. इसलिए ब्रज भूमि में यह अष्टमी एक अति विशिष्ट दिन है. क्युकी आज भक्त और भगवान दोनों का ही प्राकट्य धरती पर हुआ था. 

आज के दिन निधिवन और श्री बाँके बिहारी मंदिर को वृन्दावन में सजाया जाता है, और सुबह दोपहर में रोज़ कि तरह दर्शन के पश्चात्, श्री बनके बिहारी जी के आँगन में रास लीला का मंचन किया जाता है. पूरे वर्ष केवल यही एक दिन है जब यहाँ रास लीला का दर्शन भक्त कर सकते है. आज श्री बनके बिहारी मंदिर से निधिवन तक एक जुलुस भी निकला जाता है जिसे ब्रजवासी समाज गायन कहते है. इस समाज गायन में भक्त अपनी अपनी भजन मण्डली बनाकर प्रभु के नाम का आश्रय लेकर स्वामी श्री हरिदास जी को रिझाते है. इस समाज गायन में बिहारी जी स्वामी हरिदास जी के लिए प्रसाद के रूप में अनेक उपहार भेजते है जिन्हें भक्त ले जाकर हरिदास जी कि समाधी पर चढ़ा देते है. फिर निधिवन में भी रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन होता है और पूरे वर्ष में केवल इसी दिन भक्त देर तक निधिवन में रुक सकते है नहीं तो ये स्थान सूर्यास्त से पहले ही बंद हो जाता है क्युकी ऐसी मान्यता है कि यहाँ आज भी प्रभु और राधा रानी रास रचाने आते है. इस दिन कि रास लीला कि तर्ज वेणी-गुथन लीला है अर्थार्थ भगवान राधा रानी कि छोटी बना रहे है और उन्हें कह रहे है कि हे किशोरी! पूरी धरती पर मुझसे अच्छी वेणी कोई नहीं गूँथ सकता, और जिस प्रकार फूल तुम्हारे बालो में मै लगा दूंगा उस तरह कोई नहीं लगा सकता. जब राधा जी मन जाती है तो प्रभु ने आज ही के दिन राधा रानी का पूरा श्रृंगार अपने हाथों से किया है. येही स्वामी श्री हरिदास जी का भाव है. 

केवल इतना ही नहीं आज हरिदास जी महाराज कि जयंती के उपलक्ष्य में संगीत समारोह का भी आयोजन किया जाता है जिसमे दूर दूर से भक्त अपनी कला का प्रदर्शन करते है और उन्हें कला रत्ना सम्मान से पुरस्कृत भी किया जाता है. 


आप सब भक्तो को परम पूज्य गुरुदेव श्री मृदुल कृष्ण शास्त्री जी महारज कि ओर से राधा अष्टमी और स्वामी श्री हरिदास जयंती कि हार्दिक बधाई एवं ढेर सारा आशीर्वाद



आप सब भक्तो को परम पूज्य गुरुदेव श्री गौरव कृष्ण गोस्वामी जी महारज कि ओर से राधा अष्टमी और स्वामी श्री हरिदास जयंती कि हार्दिक बधाई एवं ढेर सारा आशीर्वाद  


Thursday, September 1, 2011

Janmashtami Pictures of Bhakts

सभी भगवत प्रेमियों को हमारी तरफ से जय श्री राधे

राधा रानी तुम्हारे चरणों में.........., मै तुम्हे रिझाने आया हू...!!
वाणी में तनिक मिठास नहीं...... मै ह्रदय सुनाने आया हू......!!!
प्यारे का चरणामृत लेने..... कोई पात्र मेरे आज पास नहीं......!!!
नैनो के दोनों प्यालों से.........., मै भीख मांगने आया हू.........!!
तुमसे लेकर क्या भेंट करू........., किशोरी तुम्हारे चरणों में.....!!
मै भिक्षुक हू तुम ठकुरानी....., सम्बन्ध बनाने आया हू........!!!


जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर हर प्रभु भक्त अपने बाँके बिहारी जी को तथा उनके मंदिर को बड़े ही भाव से सजाता है और यह कमाना करता है की उसकी भक्ति से प्रभु प्रसन्न होकर उसे आशीर्वाद दे. नंदलाला का स्वागत हर घर में बड़े ही धूम-धाम से होता है. प्रभु जानते है की उनका हर भक्त श्रीधाम वृन्दावन नहीं आ सकता  इसलिए वो यथा स्थान उनकी प्रार्थना करता है और यदि हमारे कार्यो के साथ परम पूज्य गुरुदेव के भजन सुनने को मिल जाये तो आनंद दुगुना हो जाता है. हमें भी कुछ भक्तो द्वारा ली गयी उनके मंदिर की तस्वीरें मिली है जिन्हें मै यहाँ उन भक्तो के शुभ नाम के साथ डाल रहा हू

आप सबको परम पूज्य गुरुदेव की तरफ से ढेर सारा आशीर्वाद और हमारी ओर से भी सस्नेह धन्यवाद.

(Photo by our beloved member Prince)


(Photo by our beloved member Prince)

(Photo by a very special bhakt Purnima Bharadwaj)

(This photo is of a Bankey Bihari ji Temple in the locality of Yogesh ji)

(Photo is contributed by a very near and dear lover of thakur ji, Neha Gupta)


radhe -- radhe --- radhe---radhe -- radhe --- radhe--radhe -- radhe --- radhe----radhe